ब्रह्म कमल:- भगवान् ब्रम्हा से जुड़ा है इस फूल का रहस्य

By Rashi

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आज हम आपको एक ऐसे फूल के बारे में बताने जा रहे है जिसको भगवान ब्रम्हा का रूप मानते है जो 1 साल में एक बार खिलता है आज हम आपको बताने जा रहे ब्रह्म कमल के बारे में ब्रह्मकमल एक पवित्र फूल है। कुछ शोध के मुताबिक वैद्य लोगो का ऐसा कहना है, की इसकी पंखुड़ियों से टपकने वाली बुँदे अमृत के समान होता है। इसके अलावा यह फूल कई बिमारियों में भी लाभदायक होता है। आज हम इससे जुड़ी कई बातो के बारे जानेगे। जैसे की ब्रह्म कमल कब खिलता है, इसे किस देवता को चढ़ाया जाता है। ब्रह्म कमल का पौधा कैसे लगाये और इसका पौधा कहाँ मिलेगा। इससे जुड़ी और भी कई रोचक जानकारियां आपको मिलने वाली है। तो चलिए जानते है, ब्रह्म कमल के बारे में

ब्रह्म कमल की जानकारी – Information about Brahma Kamal

ब्रह्म कमल एक प्रकार का फूल होता है, जिसका वानस्पतिक नाम Saussurea Obvallata है। यह फूल उत्तराखंड राज्य में 24 प्रजातियों में पाया जाता है और यहां कौल पद्म नाम से भी प्रसिद्ध है। कुछ किवदंतियों के अनुसार, इस फूल का नाम सृष्टि के देवता ब्रह्मा के नाम पर पड़ा है। इसके अलावा, ब्रह्म कमल की पुरे संसार में लगभग 210 प्रजातियां पाई जाती हैं। यह फूल पुरे साल में सिर्फ एक बार रात के समय खिलता है और कई बार खिलने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है। ब्रह्म कमल कब खिलता है, इससे जुड़े लोगों के सवाल का जवाब है कि यह फूल साल के जुलाई और सितंबर के बीच में ही खिलता है।

ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम

ब्रह्म कमल भगवानी नंदा देवी के सबसे प्रिय पुष्प माना जाता है। इसलिए ब्रह्म पुष्प को नंदा अष्टमी के दिन तोड़ा जाता है। इसके अतिरिक्त, ब्रह्म कमल को तोड़ने के और भी कई सख्त नियम होते हैं, जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है। यह फूल का जीवनकाल लगभग 5 से 6 महीने होता है। इस फूल का उल्लेख भारतीय महाकाव्य महाभारत में भी मिलता है। इसकी मादक सुगंध की वजह से द्रोपदी इस पुष्प को पाने के लिए व्याकुल हो गयी थी।

ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम

ब्रह्म कमल ऐसे हुई थी की उत्पत्ती

ब्रह्म कमल की भी अपनी कहानी है। जिसके अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब हिमालय क्षेत्र में आये तो उन्होंने भगवान शिव को एक हजार ब्रह्मकमल अर्पित किये, लेकिन एक फूल कम था। तब भगवान विष्णु ने पुष्प के रूप में अपनी एक आंख भगवान शिव को समर्पित कर दी। तभी से भगवान शिव को कमलेश्वर और भगवान विष्णु को कमल नयन के नाम से जाना जाता है।

ब्रह्म कमल का पौधा कैसे लगाये – How to plant Brahma Kamal plant

  • ब्रह्म कमल के पौधे को लगाना बहुत आसान है। इस पौधे को लगाने के लिए आपको इसकी एक पत्ती लेनी पड़ती है।
  • ब्रह्म कमल लगाने के लिए आपको सबसे पहले मिटटी को तैयार करना है। इसके लिए आपको 50 प्रतिशत सामान्य मिटटी और 50 प्रतिशत गोबर की पुरानी खाद को मिलकर तैयार कर लेना है।
  • इसके बाद आपको ब्रह्म कमल की पत्ती Leaves को लगभग तीन से चार इंच की गहराई में लगाना है।
  • ब्रह्म कमल को लगाने के बाद गमले में भरपूर मात्रा में पानी डाल दें।
  • इसके बाद गमले को किसी ऐसे स्थान पर रख दें, जहाँ पर सूरज की रौशनी सीधी ना आती हो।
  • क्योकिं ब्रह्म कमल को ज्यादा गर्मी पसंद नहीं होती है। यह ठन्डे स्थान पर बहुत अच्छी तरह से बढ़वार करता है।
  • लगभग एक महीने में सभी पत्तियों से जड़े निकलना शुरू हो जाएँगी।
  • जब पौधे बड़े हो जाएँ, तो इन्हे सिर्फ इतना पानी दे की सिर्फ नमी बनी रहे। क्योकिं इन्हे पानी की बहुत कम आवश्यकता होती है।

ब्रह्म कमल पौधे की देखभाल कैसे करें-

  • ब्रह्म कमल के पौधे को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती.
  • अगर इसके पौधे की पत्तियों पर कीड़े लग जाएं तो आप किसी कीटनाशक का प्रयोग करें.
  • इस पौधे को सूरज की रोशनी पसंद नहीं है, इसे हमेशा छायादार जगह पर रखें।
  • ब्रह्मकमल को पानी की भी अधिक आवश्यकता नहीं होती है। आवश्यकतानुसार ही पानी डालें।
  • इस पौधे को ज्यादा उर्वरक की भी जरूरत नहीं होती. आप पौधे की जड़ में साल में दो बार गोबर की खाद डाल सकते हैं

ब्रह्म कमल के औषधीय गुण-

  • रोग प्रतिरोधक गुण:- ब्रह्म कमल के फूल, पंखुड़ियों और बीजों में विशेष प्रकाशक और प्रतिरोधक तत्व पाए जाते हैं जो रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
  • श्वास की समस्याओं के लिए उपयुक्त:- इसके उपयोग से श्वास, कास और सांस लेने में होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है।
  • जड़ों की दर्द से राहत:- ब्रह्म कमल के पौधे से निकलने वाले तेल का उपयोग जड़ों की दर्द में राहत प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
  • शरीर की कमजोरी को दूर करने में मदद:– ब्रह्म कमल में पाए जाने वाले विटामिन्स, मिनरल्स और ऐन्टीऑक्सिडेंट्स शरीर की कमजोरी को दूर करने और शक्ति प्रदान करने में मदद करते हैं।
  • दर्दनाशक गुण:- इसके बीजों और पंखुड़ियों में दर्दनाशक गुण होते हैं, जिससे दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
  • स्किन केयर:- इसके तेल का उपयोग स्किन के लिए भी किया जा सकता है, जो त्वचा को नरम और चमकदार बनाने में मदद करता है।

ब्रह्म कमल की विशेषता-

  • अद्भुत सौंदर्य:- ब्रह्म कमल फूल अपने अद्भुत सौंदर्य और बौद्धिकता के लिए प्रसिद्ध है। इसके सुंदर और अद्भुत आकार ने लोगों को चकित कर दिया है।
  • निराला खुशबू:- इसके फूलों की मादक खुशबू अन्य फूलों से अलग होती है। लोग इसे अपने माधुर सुगंध के लिए पसंद करते हैं।
  • रात में खिलता है:- ब्रह्म कमल के फूल रात में ही खिलते हैं। यह उन बहुत कम फूलों में से एक है जो रात्रि के समय खिलते हैं।
  • धार्मिक महत्व:- इसे धार्मिक दृष्टिकोन से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे भगवान शिव के प्रिय फूल के रूप में भी जाना जाता है।

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