दुनिया के 5 सबसे महंगे फूल जिनकी कीमत करोडो में है |

By Mangesh Kadam

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इन फूलों को मिला है ‘Most Expensive’ का दर्जा, इसका मतलब है कि ये फूल विश्व के सबसे महंगे हैं और उनमें विशेषता है जो उन्हें अनूपम बनाती है। इन फूलों की एकदिवसीय मूल्यवर्धन दर इतनी ऊँची है कि इसे सिर्फ श्रीमानी और सम्राटों के लिए ही अधिकृत किया जा सकता है। इस श्रेणी के फूलों की कीमत उनके अद्वितीय रंग, सुगंध, और आकर्षण से आती है, जो उन्हें एक शानदार और अद्वितीय बनाता है। इन फूलों को प्राप्त करना एक विशेष प्राप्ति है, जो समृद्धि और समृद्धि का प्रतीक होती है। इन्हें देखना और महसूस करना खास है, क्योंकि ये फूल आपको एक अद्वितीय और शानदार अनुभव प्रदान करते हैं।

1. गोल्ड रोज़: सौंदर्य और दौलत का प्रतीक

हमारा पहला फूल, गोल्ड रोज़, वाकई महाराष्ट्र का सम्राट है। इसकी सुंदरता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है और इसका मूल्यवर्धन इसे अद्वितीय बनाता है। इस फूल की खासियत यह है कि इसके पत्तियाँ सोने की तरह चमकती हैं, जिससे यह दूसरे फूलों से अलग होता है। गोल्ड रोज़ को आप अपने प्रियतमा को भेजकर उन्हें आपकी देखभाल की भावना को महसूस करा सकते हैं।

2. एन वी रोज़: आकर्षण का मंच

एन वी रोज़, जिसे आप भी ‘वाइन रोज़’ कह सकते हैं, एक अद्वितीय सुगंध और बेहद खूबसूरत रंगों के साथ आता है। इसकी एक झलक से ही यह आपको अपनी ओर आकर्षित कर लेगा। इसमें विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है, जिससे यह त्वचा को बनाए रखने में मदद करता है और आपको एक स्वस्थ त्वचा प्रदान करता है। इसकी मिठास और अद्वितीय सुगंध के कारण एन वी रोज़ अपने आकर्षकी को और भी बढ़ा देगा।

3. शाही ओरचिड़: विलासिता का प्रतीक

शाही ओरचिड़, जिसे ‘एम्पेरियल वांडर’ भी कहा जाता है, विश्व के सबसे महंगे ऑर्किड है। इसका अद्वितीय रूप और गहरा रंग इसे आला बनाते हैं। इसका प्रत्येक पेड़ केवल एक ही फूल देता है, जिससे यह अधिविशेष बनता है। इसकी विलासिता और भव्यता के कारण, शाही ओरचिड़ को आप अपने घर की सजावट में शामिल करके आपकी जगह को रौंगत में ला सकते हैं।

4. प्रिंसेस टुलिप: नवीनतम चमक

प्रिंसेस टुलिप, जिसे ‘रॉयल टुलिप’ भी कहा जाता है, विश्व की सबसे महंगी टुलिप है। इसके आकर्षक फूलों का समृद्धि से भरा हुआ रूप हर किसी को प्रभावित करेगा। इसमें कई विभिन्न रंगों की प्रजातियों की खोज की गई हैं, जिससे यह आपकी बगीचे को एक रंगीन और खिलती हुई जगह बना सकता है। इसकी महक, रंग, और अद्वितीयता से प्रिंसेस टुलिप हमेशा आपकी बगीचे की रानी बनी रहेगी।

5. ब्लैक टुलिप: रहस्यमयी और आकर्षक

ब्लैक टुलिप, जिसे ‘किशमिश ऑन द स्ट्रीट’ भी कहा जाता है, एक अद्वितीय और रहस्यमयी फूल है जिसका मूल्य आसमान छूता है। इसकी काली रंगीनी आपको विश्वास दिलाएगी और आपकी बगीचे को एक अलग दर्जा की शैली प्रदान करेगी। ब्लैक टुलिप को आप अपने बगीचे की कोने-कोने में बोने और इसे अपनी सजावट की चर्चा का केंद्र बनाएं।

इन पाँच महंगे फूलों की अद्वितीयता और भविष्यवाणियों ने इन्हें आकर्षक बना दिया है। अपने आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए इन फूलों की खोज में निकलें और अपने आस-पास के लोगों को भी इस रोमांटिक सफर में शामिल करें।

सबसे महंगा गुलाब कौन सा है?

इंग्लैंड के जाने-माने गुलाब प्रजनक डेविड ऑस्टिन को इस शानदार किस्म को विकसित करने में 15 साल लग गए। जूलियट रोज़ अपनी आकर्षक रूमानियत के लिए बेशकीमती है और अक्सर भव्य गुलदस्ते और शादी की सजावट में उपयोग किया जाता है।


दुनिया में कितने फूल हैं?

फूल हजारों अलग-अलग आकृतियों और रंग संयोजनों में आते हैं, प्रत्येक का अपना नाम और वर्गीकरण होता है। 400,000 से अधिक प्रकार के फूल वाले पौधे हैं, इसलिए निश्चित रूप से एक फूल ऐसा होगा जो आपके अद्वितीय व्यक्तित्व को बयां करता है!

दुनिया का सबसे खुशबूदार फूल कौन सा है?

केवड़ा के फूल की गिनती दुनिया के सबसे खुशबूदार फूलों में होती है. आज कल खुशबू के लिए कैमिकल बेस्ड एसेंस का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन केवड़ा को खुशबू का नेचुरल सोर्स है, जिसकी वजह से भी इसकी ज्यादा मांग है. केवड़ा की खेती उड़ीसा में बड़े पैमाने पर की जाती है.


पृथ्वी पर सबसे सुंदर फूल कौन है?

वाटर लिली को दुनिया का सबसे खूबसूरत फूल माना जाता है. वाटर लिली की 70 से ज्यादा प्रजातियां हैं. Bleeding Heart फूल दिल के आकार का होता है, जो सबका ध्यान आकर्षित करता है.

ऐसा कौन सा फूल है जो 100 साल में एक बार खिलता है?

सबसे पहले जवाब दिया गया: कौन सा फूल सौ साल में एक बार खिलता हैं? इस फूल का नाम नीलकुरिन्जी है.


भारत में सबसे सुंदर फूल कौन सा है?

उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए विश्व विख्यात है. ऐसे ही केरल राज्य के जंगलों में पाए जाने वाले नीलकुरिंजी फूलों का इतिहास है. नीलकुरिंजी एक सुंदर फूल है जो दक्षिणि भारत के कुछ विषेश क्षेत्रों में हर 12 साल बाद खिलता है.

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