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जब भी सेहत की बात आती है तो सबसे पहले चुकुन्दर का नाम आता है क्योकि हमारे शरीर के लिए बहोत अच्छी होती है | लाल रंग की चुकंदर एक स्वस्थ के लिए फायदेमंद मानी जाती है। जब बात गर्भावस्था की आती है, तो इसके सेवन के बारे में सवाल उठ सकते हैं कि यह गर्भवती महिला के आहार में शामिल किया जाना चाहिए या नहीं। यह सवाल समझना आवश्यक होता है |
क्योंकि गर्भावस्था में आहार का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इस लेख में हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में चुकंदर खाना सुरक्षित है या नहीं। हम इस लेख में गर्भावस्था में चुकंदर के फायदे और नुकसान के बारे में भी चर्चा कर रहे हैं।
Table Of Contents
1. | प्रेगनेंसी के दौरान चुकंदर – Beetroot During Pregnancy |
2. | प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे – Benefits of Eating Beetroot in Pregnancy |
3. | प्रेगनेंसी के आहार में चुकंदर को कैसे शामिल करें? |
4. | प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के नुकसान- Side Effects of Beetroot in Pregnancy |
Table of Contents
प्रेगनेंसी के दौरान चुकंदर – Beetroot During Pregnancy
प्रेगनेंसी एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें महिलाओं को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसका कारण है कि पोषक तत्वों की कमी गर्भवती महिला के शिशु के विकास पर सीधा प्रभाव डाल सकती है। सही खान-पान से गर्भावस्था में होने वाली समस्याएं भी कम होती हैं और शिशु भी स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में अक्सर रक्त की कमी होती है।
इसलिए महिलाओं के आहार में दूध, फलों का रस और चुकंदर को शामिल किया जाता है। विशेषज्ञ भी चुकंदर के सेवन को सलाह देते हैं। चुकंदर एक पोषण संपन्न खाद्य पदार्थ है जिसमें फोलेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और फाइबर की कमी को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने से क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे – Benefits of Eating Beetroot in Pregnancy
चुकंदर गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या का इलाज नहीं है। यह केवल नीचे बताई जा रहीं समस्याओं के लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है।
फोलिक एसिड और बच्चों का विकास
चुकंदर में फोलिक एसिड मात्रा अच्छी होती है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए जरूरी है। चुकंदर में यह फोलिक एसिड अनजाने बच्चे को जन्म दोष से बचाने में मदद कर सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, फोलिक एसिड शरीर में नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इसके साथ ही यह चुकंदर गर्भ में रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क के सही विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
खून को शुद्ध करे
आधुनिक जीवनशैली, जंक फूड, शराब, दूषित पानी, अनिद्रा और खराब रक्त परिसंचरण यानी ब्लड सर्कुलेशन रक्त को अशुद्ध करने का कारण बनते हैं। रक्त की अशुद्धी की वजह से एलर्जी, मुंहासे, चकत्ते, जोड़ों में दर्द और इम्यून सिस्टम की कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए रक्त का साफ होना जरूरी है, जो चुकंदर की मदद से किया जा सकता है। एक शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट प्लेसेंटा के रक्त प्रवाह में सुधार कर सकता है, जिससे कुछ हद तक रक्त को शुद्ध करने में मदद मिल सकती है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने का काम कर सकता है।
शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाए
चुकंदर में मौजूद आयरन शरीर में इस तत्व को बढ़ाने में मदद कर सकता है। देखा गया है कि गर्भवतियों को अक्सर आयरन की कमी की वजह से एनीमिया की समस्या का सामना करना पड़ता है। एनीमिया, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बाधित हो जाता है। एक अध्ययन के मुताबिक विकासशील देशों में करीब 52% गर्भवतियां इससे प्रभावित होती हैं। इसी वजह से माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए |जिसमें चुकंदर भी शामिल है।
गर्भावस्था के आहार में चुकंदर को कैसे शामिल करें?
प्रेगनेंसी में चुकंदर को किस तरह से आहार में शामिल किया जा सकता है, यह हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं |
कैसे खाएं-
- बीटरूट को सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
- चुकंदर की सब्जी भी बनाई जा सकती है।
- बीटरूट के जूस का भी सेवन किया जा सकता है।
- इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर मिक्स वेज के रूप में भी खाया जा सकता है।
- बीटरूट को पाउडर के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।
- कुछ लोग इसका हलवा बनाकर भी खाते हैं।
प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के नुकसान- Side Effects of Beetroot in Pregnancy
प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे ही नहीं होंगे, बल्कि उनके साथ कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। वास्तविकता में, यदि अधिक मात्रा में चुकंदर खाई जाए, तो उससे फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है। इस प्रकार, गर्भावस्था में चुकंदर खाने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं, इसे हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
- चुकंदर में मौजूद बीटाइन (betaine) के कारण मतली और दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
- हार्टबर्न व सीने में जलन।
- चुकंदर का ज्यादा सेवन करने से पेशाब का रंग लाल (Beeturia) हो सकता है।
- मेथेमोग्लोबिनेमिया (रक्त संबंधी विकार)।
- भ्रूण की कोशिकाओं में परिवर्तन और घातक परिवर्तन।
- थायरॉयड।
- किडनी स्टोन का जोखिम। दरअसल, चुकंदर में ऑक्सालेट होता है, इसलिए जिनको गुर्दे की पथरी की समस्या है, उन्हें परहेज करना चाहिए |
गर्भावस्था में चुकंदर खाने के लाभ और नुकसान दोनों के बारे में हमने विस्तार से लेख में बता दिया है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान चुकंदर खाने या न खाने का फैसला गर्भवती महिला को इसके नुकसान को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। साथ ही इसकी मात्रा का खास ख्याल रखना आवश्यक है। वहीं, अगर किसी की गर्भावस्था में कोई जटिलता है, तो चुकंदर का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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