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फ्रेंड्स जैसे की आप सबको तो पता ही होगा, शरीर के हर एक अंग को सुरक्षित और स्वस्थ रखना बहुत ही जरूरी होता है। इन अंगों में फेफड़े भी शामिल हैं। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए न सिर्फ आपको सिरगेट, धुएं और पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों से दूर रहने की जरूरत है, बल्कि अपने खानपान पर भी अच्छे से ध्यान देना जरूरी होता है।
बेहतर खानपान की मदद से आप फेफड़ों में होने वाली कई तरह की परेशानियां जैसे- अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और पल्मोनरी फाइब्रोसिस इत्यादि के खतरे से दूर हो सकते हैं। आज हम आपको इस लेख में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे लंग्स और लिवर को मजबूती मिल सकती है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको लंग्स और लिवर को मजबूत बनाने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे है |
Table of Contents
लिवर और फेफड़ों को स्वस्थ बनाने वाले विटामिन सी युक्त आहार
अगर आप अपने लंग्स और लिवर को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो अपने आहार में विटामिन सी युक्त फलों को शामिल करें। इस प्रकार के आहार से एंजाइमों का उत्पादन बढ़ता है, जो लिवर और फेफड़ों की सुरक्षा में मदद करते हैं। यह आपके शरीर में ऑक्सीजन की सिर्कुलेशन को भी सुधारता है। विटामिन सी युक्त आहार की लिस्ट में आप अंगूर, कीवीफ्रूट, अमरूद, नींबू, नीबू और संतरे जैसे खट्टे फल शामिल कर सकते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
लिवर और फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने में गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इन्हें आप कच्चा, पका या जूस बनाकर खा सकते हैं। दरअसल, इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में क्लोरोफिल की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड में मौजूद विषाक्त पदार्थों को कम करने में मदद करती है। हरी पत्तेदार सब्जियों के रूप में आप पालक, सलाद, पत्तागोभी, सरसों का साग, हरा प्याज, व्हीटग्रास, केल, धनिया, पुदीना आदि का सेवन कर सकते हैं।
लहसुन – Garlic
लहसुन सल्फर, एलिसिन और सेलेनियम से भरपूर होता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए आवश्यक होता है। यह लिवर एंजाइम को एक्टिव करने में सहायता करता है। यह अस्थमा की परेशानियों को कम करने में मददगार हो सकता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
अदरक – Ginger For Lungs And Liver
अदरक पाचन और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद पाचक एंजाइम लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम कर सकते हैं। यह फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने में मददगार हो सकता है।
हल्दी का करे सेवन
यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक मसाला है, जिसे भारतीय किचन में लगभग हर कोई हल्दी का उपयोग करता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। इसकी मदद से लिवर और फेफड़ों में मौजूद गंदगी को साफ किया जा सकता है। यह फैटी लिवर डिजीज की समस्या को कम कर सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन धूम्रपान के कारण फेफड़ों में जमा प्लाक को हटाने में मदद करता है, जिससे चेन धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
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