भगवान शिवजी तो सभी को प्रिय है लेकिन क्या आप जानते है कि शिवजी को क्या प्रिय है. हमारे भोलेनाथ वैसे तो प्रेम से चढ़ाएं गए बेलपत्र से भी प्रसन्न हो जाते है, लेकिन कई फूल ऐसे है जिन्हे चढ़ाएं जाने पर भगवान शिव अति प्रसन्न होते है. ये फूल शिव मंत्र के जाप के समय भी प्रयोग किए जाते है. तो आइए आपको उन फूलों के बारे में बताते है.
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धतूरा (Thorn Apple)
इसकी कुल नौ तरह की किस्मे पाई जाती है. सफ़ेद, हल्के पीले या नीली आभा वाले ये फूल एक या दोहरी परत में होते है. यह भगवान शिव के सबसे पसंदीदा पुष्प है. इसमें कांटेदार फल होता है जिसमे काले बीज होते है. यह फल भी भगवान शिव को चढ़ाएं जाते है और यह काफी नशीले होते है लेकिन भगवान शिव तो विष को भी ग्रहण कर के अमृत बना देते है. यह आयुर्वेद की कई दवाओं में प्रयोग किया जाता है.
अकवन / आक / मदार (Akwan)
आमतौर पर यह दो रंगो में पाएं जाते है एक सफ़ेद और दूसरा नीला. इन फूलों की माला शिव जी को चढ़ाई जाती है उन्हें यह फूल बेहद प्रिय है. इन फूलों या इनके पत्तों से सफ़ेद दूध निकलता है जो विषैला होता है लेकिन यह जबरदस्त दर्द निवारक भी है. इसका भी कई बिमारियों के इलाज में प्रयोग होता है.
थुम्मी / बहुफूल (Thummi)
यह फूल भी शिवजी के प्रिय फूलों में सम्मिलित है. इसे प्रेम फूल भी कहा जाता है इनके फूल काफी छोटे-छोटे और सफ़ेद रंग के होते है. ऐसी मान्यता है कि भोलेनाथ कि पूजा में यह फूल आप चढ़ाएंगे तो वे आपको कभी भी परेशानी में नहीं पड़ने देंगे. इनके पत्ते खाने में और आयुर्वेदिक दवाओं में भी उपयोग किये जाते जाते है.
गुड़हल (Hibiscus)
यह फूल भी शिवजी को चढ़ाएं जाते है क्योंकि शिव और शक्ति एक में ही समाहित है. शिव अर्धनारीश्वर है इसीलिए यह फूल उन्हें चढ़ाएं जाते है. वैसे तो गुड़हल के फूल की कई किस्मे होती है और कई रंग के इनके फूल होते है लेकिन शिवजी की पूजा में लाल और सफ़ेद रंग के फूलों की विशेष महत्ता है. क्योंकि माँ के दो अलग-अलग स्वरूपों के यह प्रिय फूल है.
नीलकमल (Blue Waterlily)
नीलकमल पुष्प से भी भगवान शिव की पूजा की जाती है ऐसी मान्यता है कि कनेर के एक हजार फूल चढ़ाने से जो पुण्य आपको मिलता है नीलकमल का एक फूल चढ़ाने से वह आपको मिल जाएगा. नीलकंठ शिव भी इन फूलों से तुरंत प्रसन्न हो जाते है. यह फूल लक्ष्मी प्राप्ति की कामना के लिए चढ़ाएं जाते है. नीलकमल का फूल घर में रखना भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
मोगरा (Mogra)
मोगरा या बेला के फूल भगवान शिव को संतान प्राप्ति की कामना के साथ चढ़ाएं जाते है. शुद्ध मन से यह मोगरे के फूल भगवान शिव को चढ़ाए जाएं तो वे जल्द ही प्रसन्न हो जाते है और आपकी कामना भी पूरी होती है.
बकुल (Bakul)
यह भी भगवान शिवजी के प्रिय फूलों में से एक है. इसका पेड़ बहुत बड़ा होता है. इसका फूल छोटा और काफी सुगन्धित होता है जो कि गुच्छो में खिलता है. कई लोगो का यह कहना है कि शिवजी को यह फूल नहीं चढ़ाएं जाते है लेकिन ऐसा नहीं है संध्या पूजन में भगवान शिव को यह फूल चढ़ाएं जाते है. चढ़ाने के बाद लोग इसे प्रसाद के रूप में अपने घर रखते है जिसकी सुगंध कई दिनों तक बिखरती रहती है.
पीली कनेल (Peeli Kaner)
वैसे तो कनेल सफ़ेद और नारंगी रंग के भी होते है. और उनसे भगवान शिव की पूजा भी होती है लेकिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए पीली कनेल का महत्त्व उनसे अधिक है. आपने देखा होगा कि जो चीज़े औरो के लिए वर्जित है या आमतौर पर विषैली मान ली जाती है. वह सभी फूल भगवान शिव को चढ़ाए जाते है क्योंकि विष को अमृत बनाने की कला सिर्फ भगवान शिव में है. पूरी श्रुष्टि में केवल भगवान शिव ही ऐसे है जो विषधर के विष से भी प्राणदायक दवा बना सकते है. इससे भी एक प्रकार का दूध निकलता है जो आँखों में ना ही जाएं तो अच्छा है.
निर्गुन्डी (Nirgundi)
यह भी शिवजी के प्रिय फूलों में से एक है. यह बहुत कम पाए जाते है लेकिन यदि आपको कभी दिखे तो इसे शिवजी की पूजा में जरूर प्रयोग कीजिए. यह पहाड़ी इलाको में पाए जाते है. इसके बीज और फूल दवा बनाने में काम आते है.
कनेर (Oleander)
यह कनेल फूलों से अलग होते है और कई शानदार रंगो में मिलते है. इसके किसी भी रंग के फूल से आप भगवान शिव की पूजा कर सकते है या चढ़ा सकते है. भगवान शिव को कनेर का हर रंग पसंद है. कहा जाता है कि यह फूल चढ़ाने से आत्मा की शुद्धि हो जाती है. यह एक बहुवार्षिक झाड़ी है और इससे हमेशा आपको फूल मिलते रहेंगे.
हमारे शब्द
आपने गौर किया होगा की सभी आयुर्वेदिक पौधे जिन्हे लोग विषैला मान लेते है उन्हें संरक्षण शिव जी की शरण में ही मिलता है. वे बेशकीमती पादप है इन्हे बढ़ने देना चाहिए. आशा करते है शिव जी के प्रिय फूलों पर लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.