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हेलो! फ्रेंड्स फल तो सभी का फेवरेट रहता है फल खाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन सबकी अपनी अपनी एक अलग पसंद होती है कुछ लोगों को सेब पसंद होता है, तो कुछ लोगों को संतरे का स्वाद भाता है। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें खट्टे-मीठे फल ज्यादा लुभाते हैं। कुछ ऐसे ही फलों में शामिल है आलूबुखारा। इस फल में केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि कई औषधीय गुण भी छुपे हुए हैं। आज के हमारे इस आर्टिक्ल में हम आपको पौष्टिकता से भरपूर आलूबुखारा के उपयोग और फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
विषय सूची-
1. | आलूबुखारा क्या है- What is Plums |
2. | आलूबुखारा के प्रकार (Types of Plums) |
3. | आलूबुखारा के फायदे – Benefits of Plums |
4. | आलूबुखारा के उपयोग – Uses of Plums |
5. | आलूबुखारा के नुकसान – Side Effects of Plums |
6. | आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा के बीच अंतर |
- 1 आलूबुखारा क्या है- What is Plums
- 2 आलूबुखारा के प्रकार (Types of Plums)
- 3 स्वीट प्लम्स (Sweet Plums)
- 4 सोर प्लम्स (Sour Plums)
- 5 ड्राई प्लम्स (Dried Plums)
- 6 आलूबुखारा के फायदे – Benefits of Plums
- 7 ह्रदय स्वास्थ्य –
- 8 कब्ज
- 9 हड्डी स्वास्थ्य को बनाएं मजबूत
- 10 आंखों की सेहत – आलूबुखारा खाना फायदेमंद
- 11 इम्यूनिटी बढ़ाये
- 12 आलूबुखारा के उपयोग – Uses of Plums
- 13 आलूबुखारा के नुकसान – Side Effects of Plums
- 14 आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा के बीच अंतर
Table of Contents
आलूबुखारा क्या है- What is Plums
स्वाद में खट्टा-मीठा आलूबुखारा गुलाब परिवार (Rosaceae) का गुठली वाला फल है । अंग्रेजी में इसे प्लम के नाम से जाना जाता है। आलूबुखारा टमाटर जैसा दिखता है और इसका रंग बैंगनी या लाल होता है। आमतौर पर आलूबुखारा मई से अक्टूबर तक बाजार में मिलता है। इसकी कुछ आम किस्मों में काला आलूबुखारा, ग्रींगेज (Greengage) प्लम, रेड प्लम, येलो प्लम व प्लूट्स शामिल हैं।
आलूबुखारा के प्रकार (Types of Plums)
आलूबुखारा मुख्य तीन प्रकार के होते है जिसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बताने जा रहे है |
स्वीट प्लम्स (Sweet Plums)
ये आलूबुखारे खासतौर पर तेज़ी से मीठे होते हैं और इन्हें सबसे अधिक खासा जाता है। इनमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे ये खाने में आसानी से चबाये जा सकते हैं।
सोर प्लम्स (Sour Plums)
ये प्लम्स मीठे नहीं होते और थोड़े सेब जैसे टेस्ट के होते हैं। इन्हें आम तौर पर खट्टे फल के रूप में उपयोग किया जाता है, जैसे कि चटनी बनाने में।
ड्राई प्लम्स (Dried Plums)
ड्राई प्लम्स या प्रून्स भी आलूबुखारों के रूप में जाने जाते हैं। इन्हें सूखाकर तैयार किया जाता है, जो इनके स्वाद में थोड़े बदलाव को आता है। ड्राई प्लम्स खाने से पाचन तंत्र सुधारता है और कब्ज़ से राहत मिलती है।
आलूबुखारा के फायदे – Benefits of Plums
आलूबुखारा फल कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जिनके गुणों की चर्चा हम नीचे करने जा रहे हैं। आलूबुखारा के फायदे जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
ह्रदय स्वास्थ्य –
आलूबुखारा उच्च रक्तचाप हाइपरटेंशन को नियंत्रित कर सकता है, जिससे ह्रदय की सुरक्षा होती है। एक अध्ययन के मुताबिक, जिन लोगों ने सूखा आलूबुखारा प्रून्स और इसके जूस का सेवन किया, उनमें रक्तचाप का स्तर कम पाया गया। यह अध्ययन बताता है कि आलूबुखारा का सेवन ह्रदय संबंधी बीमारियों से बचाव में सहायक साबित हो सकता है। दरअसल, ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से रक्त वाहिकाओं में दवाब पड़ता है, जिससे ह्रदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है।
कब्ज
आलूबुखारा फल फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह कब्ज के इलाज में सहायक माना जा सकता है। साथ ही एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड मल त्याग में होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
हड्डी स्वास्थ्य को बनाएं मजबूत
आलूबुखारे में पाया जाने वाला बोरॉन एक महत्वपूर्ण धातु है जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाएं रखने में मदद करता है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि रोजाना 100 ग्राम प्रून्स खाने से हड्डी कमजोर होने वाले कारकों को दूर किया जा सकता है। इससे हड्डियों की मजबूती बढ़ती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बोन संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है।
आंखों की सेहत – आलूबुखारा खाना फायदेमंद
आलूबुखारा के गुण में आंखों की सेहत का ख्याल रखना भी शामिल है। इस फल में विटामिन-सी और विटामिन-ई होते हैं। ये दोनों पोषक तत्व उम्र के साथ घटती आंखों की रोशनी की समस्या से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं। हालांकि, मोतियाबिंद की रोकथाम में ये पोषक तत्व सहायक हैं या नहीं इस पर अन्य शोध की जरूरत है। आंखों की सेहत के लिए सूखा आलूबुखारा और आलूबुखारा फल दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
इम्यूनिटी बढ़ाये
आलूबुखारा फल में मौजूद विटामिन-ए प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही इसमें मिलने वाला विटामिन-सी शरीर में मौजूद टिश्यू को रिपेयर करने और इनके विकास में सहायक होते हैं। वहीं, आलूबुखारा को लेकर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, प्लम में प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण हो सकते हैं। आहार में प्लम को शामिल करने के बाद बीमारी से लड़ने की क्षमता में बढ़ोत्तरी पाई गई।
आलूबुखारा के उपयोग – Uses of Plums
आलूबुखारा के उपयोग करने के कई तरीके हैं, लेकिन इससे पहले आपको ठोस, रसदार और बिना निशान लगे हुए आलूबुखारे खरीदने चाहिए।
- आप आलूबुखारे को काटकर ओटमील, सलाद, दही, स्मूदी और पुडिंग में मिलाकर खा सकते हैं।
- आप आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा दोनों को पिज्जा की टॉपिंग के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं।
- आलूबुखारा का इस्तेमाल मफिन, ब्रेड और अन्य डेजर्ट में भी किया जा सकता है।
- आलूबुखारे की आप खट्टी-मिठ्ठी चटनी भी बना सकते हैं।
- आप इसका जूस बनाकर भी पी सकते हैं।
- सूखा आलूबुखारा को आप आइसक्रीम व केक की टॉपिंग के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सूखे आलूबुखारे को सीधे स्नैक के तौर पर भी खाया जा सकता है |
आलूबुखारा के नुकसान – Side Effects of Plums
आलूबुखारा एक स्वादिष्ट और पोषक फल है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इसके सेवन में कुछ सावधानियां भी बरतनी आवश्यक हैं। यहां कुछ हम आपको आलूबुखारा के नुकसानों के बारे में जानकारी दी गई है:-
- एलर्जी: कुछ लोगों को आलूबुखारे से एलर्जी हो सकती है। इसके सेवन से खुजली, त्वचा उत्तेजना, या त्वचा के लाल दानों की समस्या हो सकती है। अगर आपको ऐसे किसी प्रतिक्रिया का सामना होता है, तो आपको आलूबुखारे का सेवन बंद करना चाहिए।
- अधिकतम सेवन: ज्यादा मात्रा में आलूबुखारे का सेवन करने से पेट में गैस, ब्लोटिंग, या दस्त की समस्या हो सकती है। यदि आप इन समस्याओं से पीड़ित होते हैं, तो आपको मात्रा को संभालकर खाना चाहिए।
- विटामिन-क ऑवरडोज: आलूबुखारे में विटामिन-क की अधिक मात्रा होने से रक्त के थक्कों को गढ़ा करने में मदद मिलती है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा के कारण रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है और ब्लड क्लॉट बनने की संभावना हो सकती है। इसलिए, इसे अधिकतम सीमा में ही खाना चाहिए।
- गुठलियां: आलूबुखारे में गुठलियां होती हैं, जो बड़े होते हैं और उनमें एक छोटी बीज होती है। इस बीज को खाने से समस्या हो सकती है, खासकर अगर आपके पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए, आलूबुखारे को खाते समय सावधानी बरतें और गुठलियों को निकाल दें।
आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा के बीच अंतर
आलूबुखारा रसदार गूदे से भरा होता है। जब ये फल सूख जाता है, तो इसे सूखा आलूबुखारा कहा जाता है, जो मेवे की श्रेणी में आता है। सूखे आलूबुखारा को अंग्रेजी में प्रून्स कहते हैं। आइए नीचे विस्तार से जानते हैं, दोनों के बीच के अंतर को-
क्र. | आलूबुखारा | सूखा आलूबुखारा |
1. | आलूबुखारा गुठली वाला फल है, जो मुलायम गूदे से भरा होता है | सूखा आलूबुखारा चिपचिपा होता है |
2. | आलूबुखारा फल मई से अक्टूबर के बीच बाजार में मिलता है | सूखा आलूबुखारा साल भर मिलता है। |
3. | आलूबुखारा में विटामिन- सी की मात्रा अधिक होती है | सूखे आलूबुखारे में विटामिन-सी कम होता है |
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हम उम्मीद करते है की हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पौष्टिक आलूबुखारा के फायदे तो अब आप जान ही चुके हैं। अब आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर इसमें छुपे स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें, क्योंकि इसका अत्यधिक सेवन लेख में बताए गए आलूबुखारा के नुकसान का कारण बन सकता है। ऐसे में संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें और स्वस्थ रहें।