हेलो! फ्रेंड्स आज हम एक ऐसे पौधे के बारे में चर्चा करेंगे जिसकी पत्तियाँ कई लोगों ने अपने बचपन में अक्सर किताबों के बीच में रखी होती हैं। अगर आपने भी कभी इस पौधे की पत्तियों को किताबों के बीच रखा जाता है | इस पौधे का नाम “Thuja” है, और इसे विद्या का पेड़ भी कहा जाता है। इसके अलावा Thuja प्लांट को “मोरपंखी” के नाम से भी पहचाना जाता है। अब चलिए जानते हैं, मोरपंखी पौधे की विशेषताएँ, और मोरपंखी पौधे को कहां लगाना चाहिए, जिससे संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ।
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मोरपंखी का पौधा की जानकारी
मोरपंखी पौधा, एक पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम “Thuja” है। यह एक प्रमुख वृक्ष पौधा है जो कई प्रकार की थूजा प्रजातियों में पाया जाता है। थूजा पौधे की पहचान काटने वाले पत्तों की शानदार सुगंध पौधा है इसकी पत्तियां छोटी, समेटी हुई होती हैं और रंग आमतौर पर हरे से लेकर गहरे हरे तक हो सकता है। इसके पत्ते और तने चिकित्सा और खुदाई के उद्देश्यों के लिए प्रयोग होते हैं, और कई विभिन्न प्रकार के थूजा पौधों की वनस्पति की आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। थूजा प्लांट का प्रयोग बगीचों, पार्कों, और बड़े आकर्षणों की सजावट में भी किया जाता है, क्योंकि इसके सुंदर छायाचित्र और सुगंध से लोग प्रभावित होते हैं।
मोरपंखी के फायदे – Morpankhi Plant Benefits
मोरपंखी पौधा घर की सुन्दरता को बढ़ाने के साथ-साथ कई तरह के फायदे भी प्रदान करता है। अगर इसे वास्तु के अनुसार रखा जाए, तो यह घर को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। चलिए, हम जानते हैं मोरपंखी के फायदे और इसे घर में कैसे लगाना चाहिए, साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को भी।
- मोरपंखी पौधे को वास्तु के अनुसार रखा जाना चाहिए। जब आप विद्या के पौधे को वास्तु के अनुसार घर में लगाते हैं, तो घर में सुख, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही, यह कई परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।
- इसके अलावा, इस पौधे की खुशबू भी आत्मा को शांति और सुकून का अहसास कराती है, जिससे आपका मानसिक स्वास्थ्य भी सुधरता है।
- मोरपंखी पौधा अक्सर घर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए बगीचों में लगाया जाता है, लेकिन इसके साथ ही इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। इसका उपयोग आमतौर पर होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है, क्योंकि मोरपंखी पौधे से निकलने वाली ऊर्जा कई बीमारियों से बचाव करने में मदद करती है।
- इसके अलावा, मान्यता है कि मोरपंखी के पौधे को घर में लगाने से घर में श्री लक्ष्मी का आवास होता है और वहां श्री लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। अगर आपने अभी तक अपने घर में मोरपंखी का पौधा नहीं लगाया है, तो कृपया इसे अपने घर में जरूर लगाएं।
मोरपंखी का पौधा कहां और किस दिशा में लगाना चाहिए
- मोरपंखी के पौधे को सबसे अच्छा स्थान मुख्य द्वार पर जोड़ में लगाना होता है।
- मोरपंखी के पौधे को कभी भी अकेले में नहीं लगाना चाहिए। यह घर को हवादार बनाने के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा को भी घर में आने से रोकता है।
- मोरपंखी के पौधे को कभी भी सूखने नहीं देना चाहिए।
- जब भी विद्या के पौधे में पानी सूखने लगे, तो तुरंत पौधे को पानी देना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार, मोरपंखी के पौधे को उत्तर या पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए, इससे घर में श्री लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।
- मोरपंखी के पौधे को हमेशा वो स्थान पर लगाएं जहाँ पर पौधे को पर्याप्त धूप मिल सके।
ऐसे करे मोरपंखी के पौधे की देखभाल
- मोरपंखी के पौधे की देखभाल के लिए सबसे ज्यादा जरुरी मिटटी होती है।
- शुरुआत में जब पौधा लगाए, तब एक अच्छी मिटटी का मिश्रण तैयार करें।
- मिटटी तैयार करने के लिए आप एक हिस्सा सामान्य मिटटी, एक हिस्सा वर्मीकम्पोस्ट, और एक हिस्सा कॉकपिट का लेकर मिश्रण तैयार करें। अगर आपके पास कॉकपिट नहीं है, तो उसकी जगह थोड़ी रेतीली मिटटी का उपयोग करें।
- मोरपंखी के पौधे को गर्मियों के दिनों में रोज पानी देना जरुरी होता है। लेकिन पानी कभी भी इतना ना दें, जिससे की पौधे की जड़ें खराब होना शुरू हो जाएँ।
- मोरपंखी के पौधों को धुप की बहुत आवश्यकता होती है। हमेशा पौधा लगाने के लिए एक ऐसी जगह का चयन करें, जहाँ पर दिन में लगभग चार से पांच घंटे धुप रहती हो।
- मोरपंखी को महीने में एक बार फर्टीलिज़ेर देना जरुरी होता है। इसके लिए आप गोबर की लगभग 1 किलो खाद को 10 लीटर पानी में दो से तीन दिन के लिए भिगोकर रख दें। इसके बाद आप इस लिक्विड खाद को सभी पोधो में उपयोग कर सकते है।
- इसके अलावा आप मोरपंखी के पौधों को सूखा गोबर खाद भी दे सकते है। इसके लिए आपको पौधे की जड़ से थोड़ी दुरी बनाकर चारो और थोड़ी मात्रा में गोबर का पुराना खाद डाल देना चाहिए।
- इस तरह से विद्या के पेड़ को खाद देने से यह बहुत अच्छी तरह से बढ़वार करता है। और इसकी पत्तियां हरी – भरी रहती है।
- मार्च और बरसात के बाद मोरपंखी के पोधो की कटिंग करना बहुत आवश्यक होता है। इससे पौधे शेप में रहते है, और ज्यादा झाड़ी की तरह नहीं फैलते है।
- गर्मियों के दिनों में मोरपंखी के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती है। इससे बचने के लिए गर्मियों सफ्ताह में एक या दो बार पौधों के ऊपर पानी का छिड़काब करना चाहिए।
- मोरपंखी के पौधे पर अगर किसी भी तरह के किट पतंगे लगते है, तो आप इसके लिए इसके ऊपर नीम के तेल को पानी में मिलकर पौधे पर स्प्रे कर सकते है।
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यह पोस्ट मोरपंखी का पौधा पौधे के बारे में थी। जिसमें आपको मोर से जुड़ी कई जानकारियां दी गईं. हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आएगी। इसी तरह प्रतिदिन प्राकृतिक से संबंधित जानकारी पाने के लिए हमारी साइट flowersname.co.in पर क्लिक करें