जैसे सभी फूलों के नाम (Flowers Name) अलग-अलग होते है, वैसे ही उनकी विशेषताएँ और उपयोग भी अलग-अलग होते है. फूलों के बिना इस दुनियाँ की कल्पना करना ही व्यर्थ है. भगवान की पूजा, शादी, Birthday, और स्वागत समारोह जैसे कार्यक्रम फूलों के बिना संपन्न नहीं हो सकते.
फूलों का उपयोग औषधी के रूप में भी किया जाता है. सुबह के समय अगर हम फूलों के बगीचे (Garden) में थोड़ा समय बिताने की आदत डालें तो हमारे स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन आने लगेंगे. फूलों के नाम (Flowers Name), गुण (Properties) और उपयोगिता (Utility) के बारे में बहुत कम लोग ही जानते है. आईए अब हम आपको 101 फूलों के नाम (Flowers Name) और उन फूलों के बारे में पूरी जानकारी देते है.
Table of Contents
101 Flowers Name In Hindi And English | 101 फूलों के नाम
फूलों की हज़ारों प्रजातियाँ पाई जाती है. उन प्रजातियों में लाखों प्रकार के फूल पाए जाते है. उन सभी फूलों के नाम (Flowers Name), गुण (Properties), और उपयोग (Uses) अलग-अलग होते है. कई फूलों के नाम (Flowers Name) बहुत विचित्र होते हैं. कई फूलों के नाम (Flowers Name) तो इंसान और जानवरों से मेल खाते हैं.
लाल, पीले, नीले, गुलाबी, हरे, काले, और सफ़ेद रंग के फूलों को लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है. कुछ लोग भारतीय फूलों को ज़्यादा पसंद करते है तो कुछ लोगों को विदेशी फूल ज़्यादा अच्छे लगते है तो कुछ लोगों को सुगंधित फूल. इस लेख में हम आपको उन 101 फूलों के नाम (Flowers Name) बताएंगे और उनके बारे में जानकारी देंगे जो बहुत ही प्रसिद्ध और उपयोगी है.
Flowers Image | Flowers Name In Hindi | Flowers Name In English |
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गुलाब | Rose | |
कमल | Lotus | |
सूरजमुखी | Sunflower | |
गेंदा | Marigold | |
चंपा | Plumeria | |
चमेली | Jasmine | |
रजनीगंधा | Tuberose | |
गुड़हल | Hibiscus | |
लिली | Lily | |
गुलबहार | Daisy | |
कनेर | Oleander | |
अपराजिता | Butterfly Pea | |
अमलतास | Gloden Shower | |
रात-रानी | Night-Blooming Jasmine | |
कंद-पुष्प | Tulip | |
गुलमोहर | Royal Poinciana | |
डहेलिया | Dahlia | |
बेला | Mogra | |
हरसिंगार | Night Jasmine | |
नरगिस | Daffodil | |
अबोली | Crossandra | |
मोगरा | Arabian Jasmine | |
लैवेंडर | Lavender | |
बबूल | Acacia | |
गुलदाऊदी | Chrysanthemum | |
घृतकुमारी | Aloe Vera | |
अशोक | Ashok Flower | |
सत्यानाशी | Prickly Poppy | |
केवड़ा | Pandanus | |
पोस्ता | Poppy | |
बनफूल | Pansy | |
गुले अशर्फी | Pot Marigold | |
गुलैन्ची | Common White Frangipani | |
गुलेतूरा | Peacock Flower | |
गुल मेहंदी | Balsam | |
महिमा फूल | Morning Glory | |
नीलकमल | Blue Water Lily | |
जीनीया | Zinnia | |
तारक पुष्प | Aster | |
सदाबहार | Periwinkle | |
देवकली | Canna | |
आईरिस | Iris | |
कोसमोस | Cosmos | |
नीलघंटी | Bluebell | |
जूही | Sweet Jasmine | |
कामलता | Star Glory | |
छुईमुई | Touch Me Not | |
कलगी | Cox Comb | |
गुलचाँदनी | Snow Drop | |
केसर | Crocus | |
रक्त केतकी | Bleeding Heart | |
बनफसा | Petunia | |
आर्किड | Lady Slipper Orchid | |
असोनिया | BLue Star | |
बसंती गुलाब | Prim Rose | |
झुमका लता | Purple Passion | |
नाग केसर | Mesua Ferria | |
बकाइन | Lilac | |
स्वर्ग फूल | Paradise Flower | |
नाग चंपा | Cobra Saffron | |
गोखुरु | Puncture Vine | |
पटसन | Flax | |
माधवी पुष्प | Hiptage | |
कुकुरमुत्ता | Mushroom | |
ह्यूरनिया जबरिना | Huernia Zebrina | |
ककतुंडी | Scarlet Milkweed | |
कामिनी | Murraya | |
नाग दमनी | Grand Crinum Lily | |
नागफनी | Prickly Pear | |
मधु मालती | Combretum Indicum | |
द्रौपदी माला | Fox Tail Orchid | |
धतूरा | Stramonium | |
गुलखैरा | Holly Hock | |
राई मुनिया | Lantana | |
रत्न ज्योति | Anemone | |
कारनेशन | Carnation | |
कन्ना | Kanna | |
चेरी का फूल | Cherry Blossom | |
टाईटन ऐरम | Titan Arum | |
आँकुरी बाँकुरी | Forest Ghost Flower | |
बचनाग | Glory Lily | |
भिंडी फूल | Lady Finger Flower | |
तरवड़ | Tanner's Flower | |
काली हल्दी का फूल | Black Turmeric Flower | |
मोतिया | Motia | |
कचनार | Bauhina | |
एलियम | Allium | |
एसियाटिक लिली | Asiatic Lily | |
बूगनबेल | Bougainvillea | |
सन्नी | Showy Rattlepod | |
ब्रह्म कमल | Brahma Kamal | |
खुमानी | Apricot Flower | |
सेब का फूल | Apple Flower | |
कुकरौंधा | Dandelion Dewdrop | |
लाल अदरक | Red Ginger | |
रूग्मिनी | Ixora | |
शाही मुकुट | Imperial Crown | |
बुरूंश | Rhododendron | |
जरुल | Giant Crape Myrtle | |
कोन फूल | Cone Flower | |
गुब्बारा फूल | Balloon Flower |
31 Flowers Name With Full Information | 31 फूलों के नाम (पूरे विवरण के साथ)
गुलाब (Rose)
गुलाब (Rose) विश्व के सबसे खूबसूरत फूलों में से एक है इसलिए हमने इसे फूलों के नामों (Flowers Name) की सूची में पहले स्थान पर रखा है. गुलाब खूबसूरत होने के साथ-साथ उपयोगी भी है. शादी, जन्मदिन और स्वागत समारोह जैसे कार्यक्रम गुलाब के फूल के बिना अधूरे से लगते हैं. गुलाब की 100 से ज्यादा प्रजातियां होती है और यह लगभग हर रंग में पाया जाता है.
ताज़े गुलाब की खुशबू हम सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है. गुलाब की खुशबू के आकर्षण का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि गुलाब की खुशबू के आधार पर आज बाजार में कई सारे Perfume बेचे जाते हैं. गुलाब का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) Rosa है. Good Morning Flowers के रूप में गुलाब सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है.
लोग एक दूसरे को गुलाब का फूल देकर अपने मन की बात बताते हैं. वो अपनी मन की बात को बताने के लिए अलग-अलग रंगों के गुलाबों का प्रयोग करते हैं. जैसे:
- लाल गुलाब: प्रेम का इजहार
- पीला गुलाब: दोस्ती का प्रतीक
- गुलाबी गुलाब: प्रशंसा का प्रतीक
- सफेद गुलाब: शांति और समझौते का प्रतीक
- नारंगी गुलाब: उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक
- काला गुलाब: दुश्मनी का प्रतीक
कमल (Lotus)
कमल (Lotus) भारत का राष्ट्रीय फूल है. यह प्रायः गुलाबी और सफेद रंग का होता है. कीचड़ युक्त पानी में पाए जाने वाले इस फूल को भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है. कमल का फूल धन की देवी लक्ष्मी और संसार के संचालक ब्रह्मा जी का आसन है. केवल दिन में खिलने वाले इस फूल की आयु सिर्फ 3 दिनों की होती है.
कुछ फूलों के नाम (Flowers Name) इंसानों के नाम से मेल खाते है. कमल का फूल भी उन फूलों की श्रेणी में आता है. ऐसा कहा जाता है कि कमल का नाम कमल रखने पर उसके अंदर सदाचार और सद्गुण आते है.
कमल के फूल में औषधीय गुण भी होते हैं. दिल की बीमारी और चर्म रोग में यह बहुत काम आता है. भारत के कई हिस्सों में कमल के फूल की खेती भी की जाती है. दक्षिण भारत में लोग कमल के पत्तों पर ही भोजन करते हैं. कमल के फूल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- कमल के फूल का वैज्ञानिक नाम Nelumbo Nucifera है.
- यह विश्व के लगभग सभी देशों में पाया जाता है.
- कमल के फूल का उपयोग मुख्य रूप से पूजा और सजावट के कार्यों में होता है.
- कमल के पत्तियों में एक विशेष प्रकार का गुण होता है जिसके कारण पानी की बूंदे उसके ऊपर नहीं रुकती.
सूरजमुखी (Sunflower)
फूलों के नाम (Flowers Name) की बात हो और सूरजमुखी का नाम ना आए, ऐसा हो नहीं सकता. सूरजमुखी (Sunflower) का वैज्ञानिक नाम Helianthus Annuus है. पीले रंग का यह फूल अपना मुख (Face) हमेशा सूर्य की ओर किए रहता है, इसलिए इसे सूरजमुखी (Sunflower) कहा जाता है.
यह मूलतः अमेरिका का फूल है और रूस, स्वीडन, भारत, ब्रिटेन, आदी देशों में भी पाया जाता है. इसकी 60 से ज़्यादा प्रजातियाँ होती है पर बगीचे में लगाए जाने वाले सूरजमुखी के पौधों की मुख्यतः दो प्रजातियाँ होती है.
सूरजमुखी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- सूरजमुखी के बीज से खाना पकाने वाले तेल का निर्माण किया जाता है.
- सूरजमुखी के पौधों की ऊँचाई 6 मीटर तक होती है.
- सूरजमुखी यूक्रेन (Ukraine) का राष्ट्रीय फूल है.
- सुर्यदेव की पूजा में सूरजमुखी का फूल चढ़ाया जाता है.
- यह लाल और नारंगी रंग का भी होता है.
गेंदे का फूल (Marigold)
फूलों के नामों (Flowers Name) की सूची में चौथे स्थान पर काबिज गेंदे का फूल (Marigold) दुनियाँ के लगभग हर देश पाया जाता है. यह कई रंगों का होने के साथ-साथ सदाबहार भी होता है. इसकी खेती पूरे साल होती है. इसका वैज्ञानिक नाम Tagetes है. सजावट के कार्यों में सबसे ज्यादा गेंदे के फूलोंं का उपयोग होता है.
भगवान को अर्पण किए जाने वाले फूलों में गेंदे का फूल प्रमुख है. बाजार बिकने वाले सभी फूलों में गेंदे के फूल की कीमत सबसे कम होती है. इसलिए इसका उपयोग प्रचुर मात्रा में किया जाता है. गेंदे के फूल की मालाएं बहुत प्रसिद्ध है.
गेंदे के फूल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- गेंदे के फूल में औषधीय गुण होते है. चोट और घाव के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है.
- भारत और विदेशों में इसकी खेती की जाती है.
- गेंदे के फूल की पत्तियां ही इसके बीज के रूप में प्रयोग की जाती है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इस फूल की हर एक पत्ती एक बीज भी होती है.
- इसे बहुत आसानी से उगाया जा सकता है.
- मुर्गियों के दाने बनाने के लिए भी गेंदे के फूल का उपयोग होता है.
चम्पा (Plumeria)
चम्पा (Plumeria) का वैज्ञानिक नाम Frangipani है. चम्पा के फूल के पत्ते सफेद और पीले रंग के (मिश्रित) होते है. इसकी खूबसूरती और महक सभी को आकर्षित करती है. इसके वृक्ष बड़े, घने, और सुंदर होते है. भगवान की पूजा में भी इस फूल का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है.
चम्पा के फूल को महिलाएं अपने बालों में भी लगाती है. इसमें में कई औषधीय गुण होते हैं. कई प्रकार के रोगों के उपचार में चम्पा का प्रयोग होता है. जैसे:
- पेट दर्द
- सर दर्द
- खांसी
- कान दर्द
- सफेद दाग
- पथरी (Stone)
- गठिया (Arthritis)
चमेली (Jasmine)
चमेली (Jasmine) का वैज्ञानिक नाम Jasminum है. इसकी 200 से ज्यादा प्रजातियाँ होती है. यह सफ़ेद रंग का होता है पर इसकी कुछ प्रजातियाँ पीले रंग की भी होती है. चमेली की मुख्य विशेषता इसकी सुंदरता और खुशबू है. इसकी खुशबू हमें दूर से ही आकर्षित करती है. चमेली का फूल भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है.
चमेली के फूल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- इसके पौधे पर 15-20 साल तक फूल उगते हैं.
- इसकी 5 पंखुड़ियां होती है.
- दक्षिण भारत (South India) में चमेली के फूलों की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है.
- चमेली के फूल गर्मियों के मौसम में खिलते हैं.
- इसके फूल से बने Perfume और शहद (Honey) की बाजार में बहुत मांग है.
चमेली में औषधीय गुण भी होते हैं. कई प्रकार से यह रोगों के उपचार का एक कारगर माध्यम सिद्ध होता है. जैसे:
- चोट या घाव लगने पर.
- मांसपेशियों (Muscles) में दर्द होने पर.
- चर्म रोगों (दाद, खाज, और खुजली) के उपचार में.
- मूत्र रोगों (Urinal Diseases) के उपचार में.
- मुंह के छालों के उपचार में.
रजनीगंधा (Tuberose)
रजनीगंधा (Tuberose) का वैज्ञानिक नाम Polianthes Tuberosa है. सफेद रंग का यह फूल अपनी खुशबू के कारण विश्व प्रसिद्ध है. यह अन्य फूलों की तुलना में ज्यादा समय तक ताजा रहता है. ज्यादा समय तक ताजा रहने के कारण इसे घर के फूलदान में रखा जाता है. इसे घर में रखने से घर की शोभा और खुशबू दोनों बढ़ती है. इसकी आकर्षक खुशबू के कारण इससे बने परफ्यूम बहुत महंगे होते है. इसकी लंबाई लगभग 25 मिलीमीटर होती है.
रजनीगंधा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- यह बाजार में सबसे ज्यादा मांग होने वाले फूलों में से एक है.
- भारत में रजनीगंधा की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमाते हैं.
- इसे सुगंधराज के नाम से भी जाना जाता है.
- रजनीगंधा से निर्मित खुशबूदार तेल की विदेशों में बहुत मांग है.
- रजनीगंधा का जनक स्थान मैक्सिको (Maxico) है.
गुड़हल (Hibiscus)
गुड़हल (Hibiscus) वैज्ञानिक नाम Hibiscus Rosa Sinensis है. इसके वृक्ष की 200 से ज्यादा प्रजातियाँ होती है.यह भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी पाया जाता है. भारतीय संस्कृति में गुड़हल के फूल का एक अलग स्थान है. मां काली और भगवान गणेश की पूजा गुड़हल के फूल बिना संपन्न नहीं हो सकती. यह मुख्य रूप से लाल रंग का होता है पर सफेद, गुलाबी, पीला, और नारंगी रंग के गुड़हल के फूल पाए जाते है. लाल गुड़हल सबसे उपयोगी और लाभकारी होता है.
गुड़हल में कई औषधीय गुण भी होते हैं. जैसे:
- यह सर्दी जुकाम को भगाने में सहायक होता है.
- गुड़हल की चाय हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करती है.
- गुड़हल की चाय शरीर में आयरन की कमी को पूरा करती है.
- गुड़हल की चाय का नियमित सेवन करने से उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) नियंत्रण में आ जाता है.
- गुड़हल की पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं.
लिली (Lily)
लिली (Lily) का वैज्ञानिक नाम Lilium है. यह फूल पवित्रता का प्रतीक होता है. इसकी 40 सेेे ज्यादा प्रजातियाँ पाई जाती है. लिली का फूल हवा को शुद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसी गुण के कारण इसे घरों में लगाया जाता है. सफेद, नारंगी, और लाल रंग में पाया जाने वाला यह फूल बहुत खुशबूदार होता है. यह वसंत ऋतु में खिलता है. इसके पौधे की आयु 5 वर्षों की होती है.
लिली लगभग सभी देशों में पाया जाता है. टाइगर लिली (Tiger Lily) धन का और सफेद लिली (White Lily) पवित्रता का प्रतीक होता है. हिंदी में इसे कुमुदनी का फूल कहा जाता है. सफेद लिली खुशबूदार होता है. अन्य प्रकार के लिली के फूलों में खुशबू नहीं होती.
लिली के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- दुनिया की सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फूलों में से एक है.
- हर रंग का लिली का फूल अलग-अलग बातों का प्रतीक है. जैसे:
- सफेद लिली: पवित्रता
- गुलाबी लिली: धन और समृद्धि
- ऑरेंज लिली: समृद्धि और आत्मविश्वास
- पीला लिली: अच्छा स्वास्थ्य
- लाल लिली: इच्छा और प्रेम
- यह अपने स्वादिष्ट परागकण के कारण कीड़ों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
- इसके मीठे रस को नेक्टर (Nectar) कहा जाता है.
- भारत और बाहरी देशों में लिली के फूल को गिफ्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.
गुलबहार (Daisy)
गुलबहार (Daisy) का वैज्ञानिक नाम Bellis Perennis है. पूरे विश्व में इसकी 4000 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है. केवल दिन में खिलने वाला यह फूल शाम के समय मुरझा जाता है. आँख की तरह दिखने वाला यह फूल अंटार्कटिका को छोड़कर सभी जगहों पर पाया जाता है. यह पीले और सफ़ेद रंग का होता है. गुलबहार के पौधे की आयु 2 वर्षों की होती है.
गुलबहार का पौधा 4 से 6 फिट तक बढ़ता है. इसका रस स्वादिष्ट होता है जिसके कारण मधुमक्खियाँ और कीट इसकी ओर आकर्षित होते है. विटामिन C पाए जाने के कारण लोग इसके पत्तियों का उपयोग सूप और सलाद बनाने में भी करते है.
इस फूल के अलग-अलग रंग अलग अलग भावों को दर्शाते है. जैसे:
- बैंगनी: आत्मसम्मान
- पीला: दोस्ती
- सफ़ेद: शांति और नम्रता
गुलबहार के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- गुलबहार को पनपने के लिए सूर्य की रौशनी अनिवार्य रूप से चाहिए होती है.
- इसे दिन का आँख भी कहा जाता है.
- इसके फूलों से Perfume निर्माण होता है.
- यह देखने में सूरजमुखी (Sunflower) के फूल के जैसा लगता है.
- इसे दो फूल भी कहा जाता है क्योंकि इसके एक फूल में दो फूल होते है.
कनेर (Oleander)
कनेर (Oleander) का वैज्ञानिक नाम Nerium Oleander है. आपने बहुत सारे फूलों के नाम (Flowers Name) सुनें और पढ़े होंगे पर इस फूल का नाम कुछ अनोखा है. यह चार तरह के रंगों (सफ़ेद, लाल,पीला, और गुलाबी) में पाया जाता है. यह गर्मियों के मौसम में खिलने वाला फूल है.
इस फूल का हर एक भाग ज़हरीला होता है. इसके पेड़ को काटने या तोड़ने से दूध निकलता है जो ज़हरीला होता है. इसलिए इसे लगाते और उपयोग करते समय सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है. इसे बच्चों से दूर रखना चाहिए.
कनेर के पौधों का रख-रखाव बहुत ही आसान होता है. इसे ज़्यादा पानी और खाद की ज़रूरत नहीं होती है. कनेर का पौधा 1 सप्ताह तक पानी और खाद के बिना रह सकता है.
कनेर के फूल में औषधीय गुण भी होते है. जैसे:
- सफ़ेद कनेर का पेस्ट चेहरे पर लगाने से चेहरे पर निखार आता है.
- चोट या घाव पर कनेर के पत्तों के पाउडर और नारियल तेल के मिश्रण का लेप लगाने से तत्काल राहत मिलती है और चोट या घाव के सूखने की प्रक्रिया भी तेज़ हो जाती है.
- कनेर और नीम के पत्तों के मिश्रण से बना पेस्ट बवासीर जैसी गंभीर बीमारी को भी ठीक कर देता है.
- कनेर के फूल को पीसकर ज़ैतून के तेल (Olive Oil) साथ जोड़ो पर मालिश करने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है.
- कनेर के पौधे के जड़ को पीसकर नारियल तेल के साथ खुजली वाली जगह पर इस्तेमाल करने से तुरंत राहत मिलती है.
अपराजिता (Butterfly Pea)
अपराजिता (Butterfly Pea ) का वैज्ञानिक नाम Ciltoria Ternatea है. फूलों के नाम (Flowers Name) विभिन्न प्रकार के होतेे हैं पर अपराजिता अपने नाम (Butterfly Pea) को पूरी तरह से सार्थक करती है. अपराजिता के फूल के पत्ते तितली की पंख की तरह दिखते हैं. यह दो रंगों (नीला और सफेद) में पाया जाता है.
भारतीय संस्कृति में अपराजिता के फूल को बहुत ही पवित्र माना जाता है. पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में किसका प्रयोग होता है. प्राकृतिक रंगों के निर्माण में इसका उपयोग भारी मात्रा में होता है. इसके फूल बारिश के मौसम में आते हैं.
इसे कई और नामों से भी जाना जाता है. जैसे:
- गोकर्णी
- विष्णुक्रांता
- भगपुष्पी
- योनिपुष्पी
- डार्विन पी (Darwin Pea)
अपराजिता में औषधीय गुण होने के कारण आयुर्वेद में इसे बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. यह गुणकारी पौधा कई रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जैसे:
- माइग्रेन
- आँख से संबंधित रोग
- कान दर्द
- दांत दर्द
- गले की समस्या
- पाचन संबंधी बीमार
अमलतास (Golden Shower)
अमलतास (Gloden Shower) का वैज्ञानिक नाम Cassia Fistula है. भारत के लगभग सभी राज्यों में इसके पेड़ पाए जाते हैं. अमलतास के फूल ज्यादातर गर्मी के मौसम में खिलते है. ये पीले रंग के होते है. अप्रैल और मई के महीने में इसके फूलों से वृक्ष भर जाता है. गर्मी के मौसम में फूलों से भरे इसके पेड़ बहुत सुंदर दिखते है.
कई फूलों के नाम (Flowers Name) अपने गुणों से मेल नहीं खाते पर Golden Shower अपने नाम से पूरी तरह से मेल खाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अमलतास के फूल खिलने के ठीक 45 दिनों के बाद से बारिश शुरू होती है.
इसकी डाली या शाखाओं को छिलने पर लाल रंग का गाढ़ा रस निकलता है जो बाद में सूखकर गोंद के समान चिपचिपा हो जाता है. अमलतास के फूलों से सुगंधित तेल का निर्माण भी किया जाता है.
अमलतास औषधीय गुणों का भंडार है. यह कई प्रकार के नए और पुराने रोगों के उपचार में महत्वूर्ण भूमिका निभाता है. जैसे:
- अमलतास के फल का काढ़ा सांस संबंधी रोगों (दमा) के उपचार के काम आता है.
- इसके फल और इमली के मिश्रण का काढ़ा कफ (Cough) का उपचार करता है.
- इसके फल के काढ़े का सेवन हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है.
- अमलतास के फूल का गुलकंद कब्ज संबंधी समस्याएं दूर करता है.
- अमलतास, चमेली, और करंज के पत्तों को गौमूत्र के साथ पीसकर उस लेप का प्रयोग बवासीर (Piles) के उपचार में लाभदायक होता है.
बेला (Mogra)
बेला (Mogra) का वैज्ञानिक नाम Jasminum Sambac है. इसके फूल सफेद और बहुत छोटे होते है. यह खुशबूदार फूल कीड़ों और मधुमकखियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यह फिलिपिंस (Philippines) का राष्ट्रीय फूल है. इस सुगंधित फूल का उपयोग माला और गजरा बनाने के लिए किया जाता है. इस फूल से बने परफ्यूम प्रचुर मात्रा में बेचे जाते है.
यह बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाले फूलों में से एक है. इसकी मांग को पूरी करने के लिए भारी मात्रा में इसकी खेती की जाती है. इसका पौधा छोटा होता है जिसके कारण कम क्षेत्र में भी इसकी खेती की जा सकती है.
भगवान की पूजा में भी इसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से किया जाता है. वैसे तो बेला का फूल सभी देवियों और भगवान को चढ़ाया जाता है पर भगवान शिव को यह फूल बहुत पसंद है. इसकी खुशबू काफी देर तक बनी रहती है.
बेला में चमत्कारिक औषधीय गुण होते हैं. जैसे:
- इसके फूल को पीसकर सर पर लगाने से सर दर्द दूर होता है.
- इसके फूल को आंखो पर रखने से आंखों की जलन से राहत मिलता है.
- इसके फूलों से बने इत्र का कानों में प्रयोग करने से कान का दर्द तत्काल दूर होता है.
- इसके पौधे के पत्तों को पीसकर लगाने से दाद, खाज, खुजली जैसी बीमारियां ठीक होती है.
- कोई पुराना ज़ख्म या घाव ठीक ना हो रहा हो तो इसके पत्तों को पीसकर उसका लेप लगाने से कुछ दिनों में ही जख्म या घाव सूख जाता है.
रात-रानी (Night-Bloomimg Jasmine)
रात-रानी (Night Blooming Jasmine ) का वैज्ञानिक नाम Cestrum Nocturnum है. इसे चांदनी के नाम से भी जाना जाता है. बहुत सारे फूल अपने नाम को (Flowers Name) सार्थक करते हैं. रात-रानी का फूल भी उन्हीं में से एक है. सफेद रंग का यह छोटा सा फूल रात में अपने चरम सौंंदर्य को दिखाता है.
यह भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रमुख फूलों में से एक है. इसकी खुशबू बहुत ही आकर्षक होती है. वास्तुशास्त्र के हिसाब से रात-रानी का पौधा घर के पास होने से घर में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग हर घरों के आस पास इसका पौधा देखने को मिलता है.
महिलाएं इस फूल के गजरे को बहुत शौक से अपने बालों में लगाती है. इसकी खुशबू इतनी आकर्षक होती है कि इससे बने परफ्यूम की भारी मात्रा में बिक्री होती है. नहाने के पानी में इसके फूलों का प्रयोग करने से एक अलग तरह की ताजगी महसूस होती है.
रात-रानी के बारे में महत्वपूर्ण बातें:
- इसकी खुशबू से मानसिक तनाव कम होता है.
- इसका पौधा घर के पास लगाने से वास्तु दोष दूर होता है.
- अमावस्या की रात इसके फूल नहीं खिलते है.
- इसके फूलों का गजरा या माला पहनने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है.
- इसके फूल गुच्छों में खिलते है.
कंद-पुष्प (Tulip)
कंद-पुष्प (Tulip) का वैज्ञानिक नाम Tulipa है. यह फूल भी उन फूलों की श्रेणी में आता है जो अपने नाम (Flowers Name) को सार्थक करते हैं. हमने पहले ही आपको बताया है कि कई सारे फूलों के नाम (Flowers Name) अपने गुणों से मेल नहीं खाते. पर कुछ फूल ऐसे होते है जिनके नाम (Flowers Name) उनके गुणों की वजह से रखे जाते हैं.
कंद-पुष्प की 150 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है और यह लगभग हर रंग में पाए जाते है. कुछ जानकार इसे लिली की प्रजाति का हिस्सा बताते है. यह फूल पूरे विश्व में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फूलों में से एक है. यह केवल वसंत ऋतु में कुछ दिनों के लिए ही खिलता है इसलिए बाजार में यह फूल बहुत महंगे दामों पर बिकता है. इसकी लोकप्रियता गुलाब के फूल से भी ज्यादा है. इसका उपयोग ज्यादातर सजावट के लिए किया जाता है.
पहाड़ी इलाकों में पाए जाने वाले इस फूल की एक टहनी पर केवल एक ही फूल खिलता है. यह तुर्की और अगानिस्तान का राष्ट्रीय फूल है. पगड़ी के आकार का होने के कारण इसका नाम Tulip रखा गया है. इसके पौधों की आयु 2 वर्षों की होती है.
कंद-पुष्प के बारे में महत्वपूर्ण बातें:
- इस फूल को खिलने के लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है. गर्म स्थानों पर यह फूल नहीं खिलता है.
- इस फूल के लिए रेतीली मिट्टी बहुत उपयुक्त होती है.
- Purple Colour के कंद-पुष्प को Queen Of Night कहा जाता है.
- नीदरलैंड में इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है.
- इसका आकार कप के जैसा होता है.
गुलमोहर (Royal Poinciana)
गुलमोहर (Royal Poinciana) का वैज्ञानिक नाम Delonix Regia है. गर्म जगहों पर ये अच्छे से विकसित होते है. गुलमोहर दो रंगों ( लाल और पीला) में पाए जाते है. इसके वृक्ष बड़े और घने होते है. गुलमोहर के पेड़ को जंगल की रौशनी भी कहा जाता है. बहुत सारे फूलों के कई और नाम (Flowers Name) भी होते हैं. गुलमोहर को भी कई और नामों से जाना जाता है. जैसे:
- शणकेशर
- रक्तगुलमोहर
- कृष्णचूड़ा
- गुलपरी
- शाही नुकीला
गुलमोहर का पेड़ बहुत खूबसूरत और सदाबहार होता है. जंगल में इस पेड़ की अलग ही शोभा होती है. गर्मियों में फूलों से लदे इसके पेड़ सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाते है. इसकी ऊंचाई 40-50 फीट तक होती है.
भारतीय संस्कृति में गुलमोहर का विशेष स्थान है. इसे पवित्र फूल भी कहा जाता है. भगवान कृष्ण को यह फूल इतना पसंद है कि वो इसे अपने मुकुट पर लगाते है.
गुलमोहर में कई औषधीय गुण होते हैं. आईए उन गुणों के बारे में जाने.
- दस्त के दौरान गुलमोहर के तने के छाल का चूर्ण बना कर सेवन करने से तत्काल आराम मिलता है.
- गुलमोहर के पत्तों को पानी में पीसकर सर पर लगाने से बाल झड़ना रुक जाता है.
- इसके पत्तों को दूध में पीसकर बवासीर के मस्से पर लगाने से बहुत लाभ होता है.
- इसके पत्तों का काढ़ा पीने से पेट में गैस की समस्या खत्म हो जाती है.
- इसके पत्तों का चूर्ण साइनस में बहुत लाभकारी होता है.
डहेलिया (Dahlia)
डहेलिया (Dahlia) का वैज्ञानिक नाम Dahlia Pinnata है. यह फूल बड़ा और खूबसूरत होता है. यह फूल कई रंगों का होता है. इसके खूबसूरत रंग तितलियों को आकर्षित करते है. इसका पौधा छोटा होता है इसलिए इसे लोग गमले में भी लगाते है. फूलों के बगीचे में इसकी शोभा अलग ही दिखती है.
जानकार लोग इसे सूरजमुखी के जाती का फूल बताते है. इस फूल की 40000 से ज्यादा प्रजातियां है. इस फूल का आकार गेंद के जैसा होता है. गेंद के जैसा दिखने के कारण बच्चे इसे बहुत पसंद करते है. इसके पौधों को कीड़ों से बचाकर रखना पड़ता है.
डहेलिया के बारे में महत्वपूर्ण बातें:
- यह सर्दियों के मौसम में खिलते वाला फूल है.
- गर्म जलवायु इसके लिए उपयुक्त नहीं होता है.
- इसे प्रचुर मात्रा में धूप की आवश्यकता होती है.
- भारत के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है.
- यह बहुत पसंद किए जाने वाले फूलों में से एक है.
हरसिंगार (Night Jasmine)
हरसिंगार (Night Jasmine) का वैज्ञानिक नाम Nyctanthes Rbor-Tristis है. इसके फूल सफेद रंग के होते हैं. इसके पौधे बहुत तेजी से विकसित होते है. ये पूरे साल विकसित होते रहते है पर सर्दियों के मौसम में जब तापमान बहुत कम हो जाता है तो इसका विकास रुक जाता है. गर्मी का मौसम समाप्त होने के बाद जब हल्की बारिश का मौसम आता है तो यह फूल अपने चरम सौंदर्य को दर्शाता है.
हरसिंगार (Night Jasmine) भी कुछ चुनिंदा फूलों की तरह अपने नाम (Flowers Name) से मेल खाता है. यह फूल रात के समय खिलता है इसलिए इसे Night Jasmine कहा जाता है. इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. जैसे:
- प्राजक्ता
- पारिजात
- शेफाली
- शिउली
- शेवालि
भारतीय संस्कृति में हरसिंगार के फूल को बहुत शुभ माना जाता है. इसे घर के आस-पास लगाने से घर में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहती है. आंगन में इसे लगाना बहुत शुभ माना जाता है. इसके फूलों की खुशबू रातभर घर महकता रहता है.
हरसिंगार में औषधीय गुण भी होते हैं. आईए उन गुणों के बारे में आपको जानकारी देते है.
- हरसिंगार के बीज के पेस्ट का बालों पर इस्तेमाल करने से रूसी की समस्या से आजादी मिलती है.
- मिग्रा हरसिंगार के पेड़ की छाल का चूर्ण खासी जैसी बीमारियों को ठीक करता है.
- हरसिंगार के पौधे के जड़ को चबाने से नाक और कान से खून निकलना बंद हो जाता है.
- हरसिंगार के पत्तों का चीनी के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं.
- हरसिंगार के बीज का पेस्ट फोड़े, फुंसी, और सामान्य घाव को ठीक करता है.
नरगिस (Daffodil)
नरगिस (Daffodil) का वैज्ञानिक नाम Narcissus है. यह मुख्य रूप से पीले रंग का होता है पर यह कई अन्य रंगों में भी पाया जाता है. इसकी पत्तियां लंबी और पतली होती है. इसकी खूबसूरती और सुगंध सभी को आकर्षित करती है.
इसे सीमित मात्रा में पानी की जरूरत होती है. यह ठंडी के मौसम में खिलने वाला फूल है. इसके फूल के तने को काटकर पानी के बोतल में रखा जा सकता है. इस तरह से यह फूल घर की शोभा बढ़ाता है.
नरगिस की बनावट एकदम अलग होती है. यह फूल 5 पत्तियों वाला होता है और और पत्तियों के बीच कटोरी की तरह दिखने वाला खुला प्याला जैसा होता है.
नरगिस के बारे में महत्वपूर्ण बातें:
- यह समूह में खिलने वाला फूल है.
- इसके फूलों का आकार 5 इंच तक होता है.
- इसकी कई प्रजातियां पाई जाती है.
- यह गर्म स्थानों पर नहीं ऊपज सकता है.
- यह Narcissus वंश का फूल है.
अबोली (Crossandra)
अबोली (Crossandra) का वैज्ञानिक नाम Crossandra Infundibuliformis है. अबोली के फूलों का रंग नारंगी, पीला, और गुलाबी होता है. यह खूबसूरत फूलों में से एक है. इसके पौधे छोटे होते है. इसे गमले में भी लगाया जा सकता है. इसके पौधों को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है. बस इसकी जड़ों को फंगस (Fungus) से बचा कर रखना पड़ता है.
कई फूलों के नाम (Flowers Name) अपने नाम के साथ मेल नहीं खाते. अबोली का फूल भी उसी श्रेणी में आता है. इसके नामकरण की कोई सटीक वजह नहीं है.
यह गर्मी के मौसम में खिलने वाला फूल है. दक्षिण भारत की महिलाएं इसे अपने बालों में लगाती है. इस फूल को अच्छी मात्रा में धूप की आवश्यकता होती है.
अबोली के फूल के अच्छे विकास के लिए हल्की मिट्टी की आवश्यकता होती है. भारी मिट्टी में इसका पूर्ण विकास नहीं हो पाता. इसे सीमित मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है. ज्यादा पानी इसके पूर्ण विकास में बाधा उत्पन्न करता है.
अबोली के बारे में महत्वपूर्ण बातें:
- दक्षिण भारत में भारी मात्रा में अबोली की खेती की जाती है.
- इसे पटाखा फूल भी कहा जाता है.
- इसके फूलों में सुगंध नहीं होती है.
- इसे पूजा के लिए भी उपयोग में लाया जाता है.
- इसके फूल से बने मालाओं की बाजार में पूरे साल मांग रहती है.
मोगरा (Arabian Jasmine)
मोगरा (Arabian Jasmine) का वैज्ञानिक नाम Jasminum Sambac है. यह उन फूलों की श्रेणी में आता है जिन फूलों के नाम (Flowers Name) उनके गुणों के आधार पर रखे गए हैं. इसका पौधा बहुत छोटा होता है इसलिए इसे गमले में भी लगाया जा सकता है.
मोगरा के फूल छोटे और सफेद रंग के होते है. इसकी गिनती सबसे खुशबूदार फूलों की श्रेणी में होती है.
मोगरा के बारे में महत्वपूर्ण बातें:
- इसकी 4 प्रजातियां होती है.
- इसके पौधे की ऊंचाई 1.5 फिट से 10 फिट तक होती है.
- भगवान की पूजा में इसका प्रमुख रूप से प्रयोग होता है.
- इसका उपयोग परफ्यूम (Perfume) बनाने के लिए भी होता है.
- मोगरा के फूल से बने गजरे की बाजार में बहुत ज्यादा मांग है.
- यह फूल ज्यादा ठंडे मौसम में नहीं खिलता.
- भारत के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है.
लैवेंडर (Lavender)
लैवेंडर (Lavender) का वैज्ञानिक नाम Lavandula है. इसकी 30 से ज्यादा प्रजातियां होती है. यह बहुत ही खुशबूदार फूल होता है. लैवंडर के फूल नीला और बैगनी रंग के होते हैं. कहीं-कहीं गुलाबी और पीले रंग के भी लैवेंडर देखने को मिलते हैं.
इसका पौधा छोटा होता है जिसकी जिसकी अधिकतम ऊंचाई 3 फीट की होती है. लैवंडर के पौधे के विकके लिए अच्छी धूप और सूखी मिट्टी की जरूरत होती है. पौधा जब पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है तो इसे पानी की आवश्यकता नहीं होती.
यह फूल गुच्छों में खिलता है. एक पौधे पर 2 से 9 की संख्या में गुच्छें खिलते है. देश के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है. इसके फूलों से तेल निकाला जाता है. इस फूल को पवित्र माना जाता है. घर में शांति और समृद्धि के लिए लोग इसके पौधे को घरों में भी लगाते है.
लैवेंडर में औषधीय गुण भी होते है. आईए उनके बारे में आपको जानकारी देते है.
- इसके तेल के इस्तेमाल से थकान से तुरंत निजात मिलती है.
- इसके तेल के इस्तेमाल से सर दर्द और माइग्रेन में राहत मिलती है.
- लैवेंडर और नारियल तेल के मिश्रण को बालों में लगाने से असमय सफेद बाल, बाल झड़ने, और रूसी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
- चोट, घाव, और जख्मों पर इसके तेल को लगाने से घाव और जख्म जल्दी सूखते है.
- कील और मुहांसों पर इसके तेल का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है.
बबूल (Acacia)
बबूल (Acacia) एक गुणकारी फूल है. इसके फूल गर्मियों में खिलते है. इसके पेड़ की पत्तियां छोटी होती है. इसके फूल पीले रंग के होते है और ये गोलाकार गुच्छों के रूप में खिलते है. बबूल के पेड़ में ढेर सारे कांटे होते है. इसकी दो प्रजातियां होती है. इसके कई अन्य नाम भी है. जैसे:
- बबूर
- कीकर
- आभा
- बबूली
- बोबुरो
बबूल में कई औषधीय गुण होते हैं. आईए उन औषधीय गुणों से आपको अवगत कराएं.
- इसके छाल, फल, और गोंद के मिश्रण का सेवन करने से कमर दर्द से आराम मिलता है.
- बबूल के फूल को सिरके में पीसकर दाद, खाज, और खुजली वाली जगह पर लगाने से तत्क्षण आराम मिलता है.
- चोटिया जख्म लगने पर बबूल के पत्तों को पीसकर लगाने से जख्म जल्दी सूखता है.
- बबूल के पत्ते और उसके डाली के छाल का चूर्ण बनाकर उसका सेवन करने से खांसी में लाभ होता है.
- बबूल के छाले का काढ़ा बनाकर उसका सेवन करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते है.
गुलदाऊदी (Chandramallika)
गुलदाऊदी (Chandramallika) का वैज्ञानिक नाम Chrysanthemum है. यह एक सजावटी फूल है. सर्दियों के मौसम में खिलने वाले इस फूल को सर्दियों की रानी के नाम से भी जाना जाता है. इसके अनेक रंग होते हैं जैसे कि लाल, पीला, गुलाबी, बैंगनी, सफेद, नीला, इत्यादि. इसे चंद्रमल्लिका नाम से भी जाना जाता है. इसकी गिनती उन फूलों में की जाती है जो अपने नाम (Flowers Name) से मेल खाते हैं.
गुलदाऊदी की 30 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. यह ज्यादातर एशियाई और यूरोपीय देशों में पाया जाता है. इसकी आयु छोटी होती है. इसका पौधा छोटा होता है इसलिए लोग इसे गमलों में भी लगाते हैं. यह भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का पसंदीदा फूल है.
गुलदाऊदी में चमत्कारिक औषधीय गुण होते है. जैसे:
- इसके पत्तों के रस को सर पर लगाने से माइग्रेन में राहत मिलता है.
- इसके पत्तों का रस आँखों के जलन से तत्काल छुटकारा दिलाता है.
- इसके फूल का काढ़ा बनाकर सेवन करने से गैस की समस्या दूर होती है.
- गुलदाऊदी के सूखे फूलों को पीसकर सेवन करने से पथरी (stone) जैसी बीमारी भी ठीक हो जाती है.
- इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर चीनी के साथ सेवन करने से बवासीर की बीमारी में काफी लाभ होता है.
पलाश (Palash)
पलाश (Palash) का वैज्ञानिक नाम Butea Monosperma है. इसे टेसू फूल भी कहा जाता है. यह उत्तर प्रदेश का राज्य पुष्प है. यह फूल लाल रंग का होता है. यह फूल वृक्ष पर खिलता है. जब अपने मौसम में यह पेड़ों पर खिलता है तो पूरा पेड़ इसके फूलों से भर जाता है. दूर से देखने पर ऐसा लगता है जैसे कि जंगल में आग लगी हो. इसलिए इसे जंगल की आग भी कहा जाता है.
फूलों के नाम (Flowers Name) भिन्न-भिन्न प्रकार के होते है पर इसका नाम (टेसू) सुनकर ही कुछ अलग लगता है. यह भारत के सभी राज्यों में पाया जाता है. इसके वृक्ष मध्यम आकार के होते हैं. इसके कई और नाम है. जैसे:
- छूल
- परसा
- ढाक
- किंशुक
- टेसू
इसका उपयोग होली के रंग बनाने में किया जाता है. पलाश के पत्तों का इस्तेमाल पत्तल बनाने में व्यापक रूप से किया जाता है. कई राज्यों में इसके पत्तों का उपयोग बीड़ी बनाने के लिए भी किया जाता है. हिन्दू इसे पवित्र वृक्ष मानते हैं.
पलाश में कई औषधीय गुण होते हैं. जैसे:
- पलाश के फूल को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर प्रतिदन सेवन करने से खून साफ होता है और शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं.
- पलाश की जड़ों के अर्श का आंखो पर इस्तेमाल करने से आंखों की कई सारी समस्याएं दूर होती है.
- पलाश के पत्तों का चीनी के साथ सेवन करने से नाक से नकसीर (नाक से खून आना) का इलाज होता है.
- पलाश की छाल का काढ़ा पाचन शक्ति को बढ़ाता है.
- इसके पौधे का उपयोग बवासीर (Piles) के इलाज के लिए भी किया जाता है.
घृतकुमारी (Aloe Vera)
घृतकुमारी (Aloe Vera) का वैज्ञानिक नाम Aloe है. फूल-पौधों के नाम (Flowers Name) की बात की जाए तो एलोवेरा का नाम हर कोई जानता है. फूलों के नाम (Flowers Name) को लोग सुगंध और गुणों के कारण याद रखते है पर एलोवेरा को सिर्फ इसके गुणों के कारण जाना जाता है.
इसकी 200 से ज्यादा प्रजातियां होती है. भारत में कई जगहों पर इसकी खेती की जाती है. इसकी खेती करने के लिए कई सारी सावधानियां बरतनी पड़ती है. यह बिना तने वाला सिर्फ पत्तों का पौधा होता है. इसके पौधे छोटे भी होते है जिसके कारण कई लोग इसे घर के गमलों में भी लगाते है.
यह मूलतः दक्षिण अफ्रीका (South Africa) का पौधा है. इसके पत्ते लंबे और मोटे होते है. इसके पत्तों के अंदर चिपचिपा रस होता है.
इसके चमत्कारिक गुणों के कारण इसे संजीवनी की उपाधी दी गई है. इसके गुणों की चर्चा करने में पूरा एक अध्याय भी कम पड़ जाएगा. आईए इसके के महत्वपूर्ण गुणों के बारे में आप को जानकारी देते हैं.
- इसके पत्ते के अंदर चिपचिपा रस होता है. उस रस का चेहरे पर प्रयोग करने से कुछ ही दिनों में चेहरे पर गजब का निखार आता है.
- इसके रस के सेवन से पेट संबंधित बीमारियां दूर होती है.
- सुबह के समय खाली पेट 3-4 चम्मच एलोवेरा का रस पीने से शरीर को शक्ती मिलती है और थकान जैसी समस्या खत्म होती है.
- इसके रस का सेवन खून की कमी को दूर करता है.
- डायबिटीज़ के मरीजों के लिए इसका रस रामबाण की तरह काम करता है.
अशोक (Ashok Flower)
अशोक (Ashok Flower) का वैज्ञानिक नाम Saraca Asoca है. यह नारंगी और लाल रंग (मिश्रित) होता है. फरवरी और मार्च के महिने में खिलने वाला यह फूल भारत केेेे सुंदरतम फूलों में से एक है. इस फूल की सुगंध बहुत अच्छी होती है और इसका वृक्ष विशाल होता है.
भारत में इसे सीता अशोक भी कहा जाता है. यह उन फूलों में से एक है जो अपने नाम (Flowers Name) से मेल खाते है. जब रावण सीता माता का अपहरण कर उन्हें लंका ले गया तो माता सीता ने लंका में अशोक वृक्ष की छाया में ही अपने दिन गुजारे थे. इसलिए इस वृक्ष को हिंदू समाज में बहुत ही पवित्र माना गया है.
ऐसा कहा जाता है कि जिस जमीन पर अशोक का वृक्ष लगा होता है वह भूमि और घर दोनों पवित्र हो जाते है. इस वृक्ष की आश्चर्यजनक बात यह है कि इसके तने पर भी फूल खिलते है. इसके फूल की संरचना मधुमक्खी के छत्ते के जैसी होती है. इसके अन्य नाम भी है. जैसे:
- मधुपुष्प
- अपशोक
अशोक चमत्कारिक औषधीय गुणों का भंडार है. जैसे:
- यह रक्त ( संबंधित बीमारियों को दूर करता है.
- इसके वृक्ष के छाल का चूर्ण टूटी हुई हड्डी को जोड़ने में मदद करता है.
- इसके छाल का काढ़ा महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली पीड़ा में आराम देता है.
सत्यानाशी (Prickly Poppy)
फूलों के भी नाम (Flowers Name) अजीब होते हैं. कई फूलों के नाम (Flowers Name) सुनकर तो ऐसा लगता है जैसे वह फूल का नाम नहीं बल्कि किसी इंसान या जानवर का नाम हो. यह फूल भी उन्हीं फूलों की श्रेणी में आता है जिनके नाम विचित्र होते हैं.
सत्यानाशी (Prickly Poppy) का वैज्ञानिक नाम Argemone Mexicana है. यह दो रंगों में (पीला और सफेद) पाया जाता है. इसके अंदर से पीले रंग का दूध निकलता है इसलिए इसे स्वर्णश्री या कंचनश्री भी कहा जाता हैै. इसके पौधे कांटेदार होते हैं. भारत के लगभग सभी हिस्सों में यह पाया जाता है.
यह सभी रोगों का सत्यानाश करता है इसलिए इसे सत्यानाशी नाम दिया गया है. आईए अब आपको इसके औषधीय गुणों से परिचित कराते हैं.
- यह त्वचा संबंधी समस्याएं दूर करता है.
- पुरानी खांसी और जमे हुए कफ से निजात दिलाता है.
- इसके रस का निर्देशानुसार सेवन करने से खून में शुगर का लेवल नियंत्रित होता है और डायबिटीज के मरीजों को आराम मिलता है.
- इसके तेल को गिलोय में मिलाकर उसका सेवन करने से पीलिया (Jaundice) ठीक होता है.
- दमा के उपचार में इसका प्रयोग बहुत कारगर होता है.
केवड़ा (Pandanus)
यह भी उन फूलों की श्रेणी में आता है जिनके नाम ( Flowers Name) विचित्र होते हैं. यह सबसे खुशबूदार फूलों की श्रेणी में आता है. इसका वैज्ञानिक नाम Pandanus Odoratissimus है. इसकी खेती मुख्य रूप से ओडिसा (Odissa)में कर जाती है. इसके पौधों की ऊंचाई लगभग 4 मीटर होती है.
इसके खुशबूदार फूलों से परफ्यूम बनाए जाते है जिसकी बाजार में काफी मांग रहती है. इसके फूलों से खुशबूदार अगरबत्तियां भी बनाई जाती है. इसके दो प्रकार के फूल होते है: नर (Male)और मादा(Female). मादा केवड़े में खुशबू नहीं होती. मादा केवड़े को पकने के लिए छोड़ दिया जाता है. पकने के बाद यह खाने या आयुर्वेदिक दवाईयां बनाने के काम आता है.
केवड़े के बारे में महत्वपूर्ण बातें:
- इसके पत्ते लंबे और किनारे से नुकिले होते है.
- इसके सूखे पत्तों को कई लोग कपड़ों के बीच रखते है. ऐसा करने से कपड़ों से बहुत अच्छी खुशबू आती है.
- इसके पत्तों से चटाई, बैग, टोपी, इत्यादि बनाए जाते है.
- ओडिश और झारखंड इसके मुख्य उत्पादक राज्य है.
- इसे लगाने के लिए इसके पौधों को जड़ सहित लगाना होता है.
- इसे सफेद कमल के नाम से भी जाना जाता है.
छुईमुई (Touch Me Not)
छुईमुई (Touch Me Not) का वैज्ञानिक नाम Mimosa Pudica है. यह भी उन फूलों की श्रेणी में आता है जिनके नाम (Flowers Name) अपने गुणों से मेल खाते हैं. इसका पौधा सदाबहार होता है. इसके पौधे की लंबाई 10 से 60 सेंटीमीटर तक होती है. इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती.
मौसम के अनुसार से यह अपने आप को अनुकूलित कर लेता है. अच्छे से विकसित होने के लिए इसे धूप की आवश्यकता होती है. इसके छोटे छोटे खूबसूरत फूल सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
स्पर्श करते ही इसका पौधा अपने आप सिकुड़ जाता है. इसलिए इसे छुईमुई कहा जाता है. सिकुड़ने के कुछ मिनटों बाद ही यह वापस फैल जाता है. इसे लगाना बहुत आसान होता है. इसके पौधे को गमले में बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है. यह छोटा सा फूल हमारे बगीचे की शोभा बढ़ाता है. इसे लाजवंती के नाम से भी जाना जाता है.
छुई मुई के बारे में महत्वूर्ण जानकारी:
- यह कठोर मिट्टी में आसानी से उगता है.
- यह एक साल तक जीवित रहता है.
- इसकी अन्य प्रजातियां भी होती है.
- इसमें औषधीय गुण भी होते हैं.
- इसे कीट पतंगों से बचाकर रखने की जरूरत होती है.
FAQ
खाने में प्रयोग होने वाले 5 फूलों के नाम बताएं?
Ans: वैसे तो कई फूलों का खाद्य सामग्री बनाने में या सीधे तौर पर खाने के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. गुड़हल, चमेली, कॉर्न फ्लावर, सूरजमुखी, केसर, गुलनार, इत्यादि प्रमुख ऐसे फूल है जिनका उपयोग या तो सीधे तौर पर या खाद्य सामग्री बनाने में होता है.
भगवान के पसंदीदा फूलों के नाम बताएं?
Ans: फूल को भगवान की पूजा में मुख्य रूप से चढ़ाया जाता है. गुड़हल, अपराजिता, कनेर, चम्पा, चमेली, नीलकमल, बेला, नागचंपा, केसर, मालती, इत्यादि ऐसे फूल है जो भगवान और देवी देवताओं की पूजा में चढ़ाए जाते है.
भारतीय फूलों के नाम बताएं?
Ans: भारतीय फूलों की संख्या अनगिनत है. अपराजिता, गुड़हल, गुलमोहर, द्रौपदी माला, ब्रह्मकमल, अशोक, माधवी पुष्प, माधवी पुष्प, शाही मुकुट, इत्यादि फूलों की गिनती महत्वपूर्ण भारतीय फूलों में की जाती है.
फूलों के नाम पर आधारित बच्चों के नाम बताए?
Ans: गुलाब, कमल, चम्पा, बेला, अशोक, महिमा, जूही, कामिनी, सन्नी, इत्यादि.
हमारे शब्द (Our Words)
आशा है आप को फूलों के नाम (Flowers Name) पर लिखा यह लेख पसंद आया होगा. इस लेख का सारा श्रेय हमारी रिसर्च और लेखकों की टीम को जाता है. हमारे रिसर्च टीम ने फूलों के नाम (Flowers Name) और गुणों पर विस्तार और गहराई से रिसर्च किया. हमारी टीम ने रिसर्च के दौरान यह भी पाया कि कुछ फूलों के नाम (Flowers Name) अपने गुणों के अनुकूल होते हैं जबकि कुछ फूलों के नाम (Flowers Name) अपने गुणों के अनुकूल नहीं होते.
कुछ फूलों के नाम (Flowers Name) के पीछे खास कहानियां होती है तो कुछ फूलों के नामों (Flowers Name) का कोई कारण नहीं होता. कई फूल तो ऐसे होते है जिनके नाम सुनकर ऐसा लगता है जैसे कोई इंसान या जानवर हो. कुछ फूलों के नामों (Flowers Name) का देवी, देवता, या भगवान से संबंध होता है. ऐसे फूलों को पवित्र फूलों की श्रेणी में रखा जाता है.
फूलों के नाम (Flowers Name) उनके गुणों से अलग भी हो सकते है. कुछ फूल अपने नाम और गुण में बिल्कुल भिन्न होते है. इसलिए किसी भी फूल का नाम (Flowers Name) सुनकर या पढ़कर उसके गुणों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता.
आशा है कि हमारे लेख से आपको फूलों के नाम (Flowers Name) से संबंधित उचित जानकारी प्राप्त हुई होगी. फूलों के नाम (Flowers Name) का यह लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!
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